वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने लोकसभा में बजट पढ़ना शुरू कर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी जीत के नेतृत्व में हम जोश के साथ देश की सेवा कर रहे हैं। इसके साथ ही देश को हमारी आर्थिक नीति पर पूरा भरोसा है। ये बजट इच्छा और आंकाक्षाओं को पूरा करने का बजट है।
सूत्रों के मुताबिक, पीएम किसान योजना में मिलने वाली 6000 रुपए की रकम को 8 हजार रुपए किए जाने का आसार है। इसके अलावा 5 लाख से 7.50 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी का एक नया टैक्स स्लैब का ऐलान संभव है। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश होने से पहले कहा गया है कि सरकार को वेतनभोगी तबके को भी कर में राहत देनी चाहिए और ग्रामीण भारत में भी निवेश करना चाहिए। खैर अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में आम जनता के लिए कितना राहत लाता है।
जानें बजट का इतिहास- भारत में बजट सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने शुरू किया था। इसे सात अप्रैल 1860 में पेश किया था। इस बजट को जेम्स विल्सन ने पेश किया था। यहीं वजह है कि जेम्स विल्सन को भारतीय बजट के संस्थापक के तौर पर जाना जाता है।
वहीं अगर आजाद भारत के समय पेश किए गए सबसे पहले बजट की बात किया जाए तो इसे सबसे पहले तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, जबकि गणतंत्र भारत का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था।वहीं भारत के इतिहास में सर्वाधिक बजट मोरारजी देसाई पेश कर चुके हैं। उन्होंने अब तक कुल 10 बार देश का बजट पेश किया है। इसके बाद नाम पी. चिदंबरम का आता है। उन्होंने कुल 8 बार बजट पेश किया है। इसके बाद प्रणब मुखर्जी, यशवंत सिन्हा, वाईबी चव्हाण और सीडी देशमुख ने 7-7 बार संसद में देश का बजट पेश किया।