भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला खेल रही है। सीरीज के पहले मुकाबले में फ्लॉप रहने वाले चेतेश्वर पुजारा ने अगर आज अर्धशतकीय पारी ना खेलने में सफल होते तो अगले मैच में उनके ऊपर तलवार लटक जाती, हालांकि अब चेतेश्वर पुजारा ने जोहानिसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर जुझारू अर्धशतक लगाया।
इस दौरान वो तेज बल्लेबाजी करते दिखाई दिए। उन्होंने 62 गेंदों का सामना करते हुए टेस्ट कैरियर का 32 वां अर्धशतक जड़ दिया। खास बात यह है कि चेतेश्वर पुजारा की यह अर्धशतकीय पारी विदेशी सरजमी पर खेली गई सबसे तेज पारी है।
पिछले 2 वर्षों में नहीं लगा सके हैं एक भी शतक
आपको बता दें कि चेतेश्वर पुजारा पिछले 2 सालों में एक भी शतक नहीं लगा सके हैं। यह सिलसिला वांडरर्स के मैदान पर भी जारी रहा। चेतेश्वर पुजारा ने दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक लगाया। उनकी अर्धशतकीय पारी का अंत कगिसो रबाडा ने किया। रबाडा की गेंद पर चेतेश्वर पुजारा एलबीडब्ल्यू होकर पवेलियन लौटे।
इस दौरान उन्होंने 86 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौकों की बदौलत 53 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा का विदेशी सरजमीं पर यह सबसे तेज पचासा रहा। इससे पहले उन्होंने साल 2013 में दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 54 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा था।
…तो क्या तीसरे टेस्ट में पुजारा को मिलेगा मौका
गौरतलब है कि चेतेश्वर पुजारा ने आज जिस तरह से बल्लेबाजी की वह काफी काबिले तारीफ रही है। इसके पहले चेतेश्वर पुजारा विकेट पर टिकने के लिए काफी समय लेते हैं और उनका अर्धशतक भी लगभग 100 गेंदों के पार पूरा होता है।
मगर इन सबके बावजूद चेतेश्वर पुजारा क्या 11 जनवरी से केपटाउन में खेले जाने वाले सीरीज के अंतिम एवं तीसरे मुकाबले में भारतीय टीम में जगह बचा पाएंगे या नहीं। ये बड़ा सवाल है?
साल 2018 में खाता खोलने के लिए खेली थी 53 गेंदे
आपको बता दें कि चेतेश्वर पुजारा ने साल 2018 में इसी मैदान पर अपना खाता खोलने के लिए 53 गेंदों का सामना किया था। मगर उस दौरान भारतीय टीम बड़ी मुश्किलों में फंसी हुई थी। 13 रन के अंदर दोनों सलामी बल्लेबाज पवेलियन लौट गए थे। तभी चेतेश्वर पुजारा ने 179 गेंदों का सामना करते हुए शानदार 50 रन बनाए थे। जिसकी बदौलत भारतीय टीम यह मुकाबला 63 रन से जीतने में सफल रही थी।