साल 2022 के आईपीएल के लिए बीसीसीआई ने सभी आठ पुरानी टीमों को अधिकतम 4 खिलाड़ी रिटेन करने का दिशा निर्देश दिया था। इसी क्रम में सभी टीमों ने अपने अपने रिटेन किए खिलाड़ियों लिस्ट बीसीसीआई को सौंप दी है।
इतना ही यही साल 2022 के लिए दिसंबर के आखिरी सप्ताह या फिर जनवरी माह के पहले सप्ताह में मेगा ऑक्शन का आयोजन हो सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि इस बार आईपीएल में आठ की बजाय 10 टीमें मैदान में जलवा भी खेलती हुई नजर आएंगी।
4 करोड़ की राशि में राजस्थान रॉयल्स ने किया रिटेन
Presenting ➡️ The first three Royals of #IPL2022. 👊🏼#RoyalsFamily | @IamSanjuSamson | @josbuttler | @yashasvi_j pic.twitter.com/CrCGqWviwj
— Rajasthan Royals (@rajasthanroyals) November 30, 2021
राजस्थान रॉयल्स ने जिन खिलाड़ियों को अपनी टीम में बरकरार रखा है। उनमें विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन, Yashasvi Jaiswal और जोस बटलर का नाम शामिल है। राजस्थान रॉयल्स द्वारा रिटेन किए गए खिलाड़ियों की लिस्ट में सबसे हैरान करने वाला नाम Yashasvi Jaiswal का है।
उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को अपनी ओर आकर्षित किया है। यशस्वी जयसवाल को राजस्थान रॉयल्स की टीम ने 4 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि में अपने साथ बरकरार रखा है।Yashasvi Jaiswal को तगड़ी रकम मिलने के बाद उनकी चर्चा चारों तरफ होने लगी है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि Yashasvi Jaiswal को राजस्थान रायल्स ने नीलामी में 2 .4 करोड़ की राशि देकर अपने साथ जोड़ा था इसके बाद उन्हें अब राजस्थान में 4 करोड़ की कीमत अदा करके अपने साथ बरकरार रखा है।
यूपी के भदोही से ही ताल्लुक
राजस्थान रॉयल्स की तरफ से आईपीएल में जलवा बिखेरने वाली यशस्वी जयसवाल का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से है। उनके माता-पिता भदोही में एक छोटी सी दुकान के मालिक हैं। जबकि यशस्वी जयसवाल ने मुंबई की सड़कों पर गोलगप्पे बेचे हैं।
सपने को पूरा करने के लिए बेचे गोलगप्पे
महज 10 वर्ष की उम्र में ही यशस्वी जयसवाल ने अपने परिजनों से मुंबई जाने की बात कह कर अपने कैरियर को बनाने के लिए मुंबई पहुंचे और यहां पर वर्ली इलाके में स्थित एक रिश्तेदार के यहां पर 5-6 महीने तक रुके। इसके बाद यशस्वी जयसवाल अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए आजाद मैदान में रामलीला के दौरान गोलगप्पे के अलावा फल भी बेचते दिखाई देते थे। क्रिकेट की दुनिया में सफलता पाने के पहले यशस्वी जयसवाल एक डेयरी में भी काम करते थे जहां से उन्हें उनके मालिक ने निकाल दिया था।
गौरतलब है एक क्लब द्वारा मदद किए जाने पर यशस्वी जयसवाल ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा। लेकिन क्लब शर्त ये थी कि अगर वह अच्छा खेलेंगे तभी ने टेंट में रहने दिया जाएगा। क्लब द्वारा उन्हें दोपहर और रात का खाना भी मुहैया कराया जाता था। यशस्वी जयसवाल की खुद की मेहनत का नतीजा है कि आज भी अपने सपने को पूरा करने में कामयाब हो सकें हैं।