Lock Down Crisis: निजी हवाईअड्डों पर काम करने वाले 2 लाख लोगों की नौकरियों पर छाए सं’कट के बादल

New Delhi: कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया है। जिसके बाद अब देश में ना कोई पैसेंजर ट्रेन चल रही है, नहीं बस और ना ही कोई फ्लाइट उड़ान भर रही है। वैसे इस लॉकडाउन से देश की कई इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान प्राइवेट एयरलाइन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को हो रहा है। इस लॉकडाउन की वजह से प्राइटवेट एयरलाइन पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। ऐसे में उनके साथ और उनके अंदर काम करने वालों की नौकरियां खतरें में है। खबरों की माने तो 2 लाख से ज्यादा एम्प्लोई की नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे है।

APAO यानी एसेसिएशन ऑफ प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेर्ट्स ने भारत सरकार से गुजारिश की हैं कि सरकार उनकी ना सिर्फ फाइनेंशली राहत पैकेज दें। इसके साथ ही सरकार इस सेक्टर को बरकरार रखने के लिए मेजर बेसिक एस्सेटस को बचाए रखे। बात करें अगर इस समय की तो इस वक्त एयरपोर्ट साइट्स पर काम करने वाले 2 लाख 40 हजार लोगों की नौकरियों पर सकंट मंडरा रहा है। इस लिस्ट में कई एयरपोर्ट संचालन की नौकरियां भी शामिल है।

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काफी हद तक ये आशंका हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई प्राइवेट एयरपोर्ट बेस लोगों को उनकी नौकरी से छांटा जाएगा। सभी जानते हैं दिल्ली, मुबंई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे महानगर को प्राइवेट एयरपोर्ट ही संभालते हैं। हालांकि कुछ जगहों पर सरकारी एयरपोर्ट हैं लेकिन लोग ज्यादातर प्राइवेट एयरपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं जो इस समय लॉकडाउन के टाउन बिल्कुल बंद पड़ा है।

अब ये तो तय हैं कि 14 अप्रैल लॉकडाउन खत्म होने तक कोई भी घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ान नहीं भरेगी। इस बीच केवल कार्गो संचालन को भी उड़ान भरने की अनुमति है, जिससे कई प्राइवेट कंपनियों को काफी नुकसान भुगतना पड़ रहा है।