किस्मत कभी भी बदल सकती है इस बात का जीता-जगता सबूत है राहुल तनेजा। जिन्होंने मेहनत करके अपनी किस्मत बदल दी और इस वजह से यो चर्चा में बने हुए हैं।
राहुल तनेजा का जन्म मध्यप्रदेश के कटला में एक टायर पंचर लगाने वाले शख्स के घर में हुआ। वहीँ अपने बड़े बड़े सपनो को पूरा करने के लिए राहुल ने कम उम्र में घर छोड़ दिया और मध्य प्रदेश से राजस्थान के जयपुर में आ गए और यहीं के आदर्शनगर के एक ढाबे पर नौकरी करनी शुरू कर दी। जहां पट उन्हें काम करने के दौरान 150 रुपये मिलते थे। राहुल के साथ एक बात ये अच्छी रही कि राहुल ने मुश्किल हालात में भी पढ़ाई नहीं छोड़ी।
राहुल ने नौकरी करने के साथ-साथ राजापार्क स्थित आदर्श विद्या मंदिर में दाखिला ले लिया और खुद के ही दम पर पढ़ाई करने लगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, कि राहुल ने दोस्तों की किताब, कॉपी और पासबुक मांग कर अपनी पढ़ाई जारी रखी और 92 प्रतिशत अंक हासिल किए। वहीं राहुल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने दो साल तक ढाबे पर नौकरी की, इसके बाद उन्होंने कई तरह के काम किए, जैसे कि दिवाली पर पटाखे तो होली पर रंग बेचना। इसी तरह इन्होंने मकर संक्रांति पर पतंगें तथा रक्षाबंधन के समय राखियां बेचने का काम किया। अपनी जरूरतों और पेट की भूख के लिए इन्होंने घर घर जाकर तक अखबार पहुंचाया तो कभी ऑटो रिक्शा चलाया।
इसी तरह राहुल अपनी जरूरतें पूरी करी और तरह तरह के काम किए। इसी के साथ राहुल अपनी फिटनेस पर भी पूरा ध्यान देते थे। वहीं इनकी अच्छी लुक को देखते हुए इनके दोस्तों ने इन्हें मॉडलिंग करने की सलाह दी। राहुल ने भी उनकी सलाह मान कर मॉडलिंग शुरू कर दी और इसी दौरान इन्होंने एक फैशन शो में भाग ले लिया। किस्मत अच्छी रही तथा 1998 में राहुल जयपुर क्लब द्वारा आयोजित एक फैशन शो में विजेता चुन लिए गए। इसके बाद इन्होंने 8 महीने तक फैशन शो किए। फैशन शो करने के साथ साथ राहुल इस बात पर भी नजर जमाए रखते थे कि ये शो ऑर्गेनाइज कैसे होते हैं।
शो ऑर्गनाइजिंग के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद इन्होंने फैसला किया कि ये अब स्टेज पर नहीं बल्कि बैक स्टेज परफ़ॉर्म करेंगे। यानी कि अब राहुल ने शो में भाग लेने का नहीं बल्कि ऐसे शोज का पूरा इवेंट संभालने का काम शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोल ली। राहुल इस कंपनी को अपने दम पर आगे बढ़ाते चले गए तथा फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
वहीं 18 साल पहले एक ढाबे पर मात्र 150 रुपये की नौकरी करने वाले राहुल साल 2018 में देश भर के अखबारों की सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने अपनी डेढ़ करोड़ की गाड़ी के लिए 16 लाख की नंबर प्लेट खरीदी थी। इन्होंने अपनी लग्जरी कार के लिए 16 लाख का आरजे 45 सीजी 001 नंबर खरीदा था। इससे पहले उन्होंने 2011 में अपनी बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज के लिए 10 लाख का वीआईपी 0001 खरीदा था। परिवहन अधिकारियों के मुताबिक उनके द्वारा खरीदा गया 16 लाख का नंबर उस समय तक देश का सबसे महंगा नंबर था। इससे पहले 11 लाख रुपए तक के नंबर बिके थे। वहीं स्वेज फॉर्म में रहने वाले राहुल तनेजा आज एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के मालिक हैं।
जिस 001 नंबर के लिए राहुल सुर्खियों में आए थे उसके बारे में राहुल ने कहा कि उन्हें इस नम्बर 1 से बहुत लगाव है। अपनी गाड़ियों के लिए नंबर 1 खरीदने के अलावा उनका जो फोन नंबर है उसमें भी दस अंकों में 1 नम्बर सात बार आता है। उनकी सभी कारों के नंबर भी एक ही डिजिट में हैं।
राहुल द्वारा देश का सबसे महंगा गाड़ी नंबर खरीदने से पहले चंडीगढ़ में 11।83 लाख में रुपए में एक नंबर बिका था। राहुल तनेजा ने अपनी नंबर एक की चाहत के बारे में बताया था कि डेढ़ सौ रुपए में ढाबे में नौकरी, फुटपाथ पर जैकेट बेची, अखबार बांटे, ऑटो चलाकर पेट भरा। इसलिए मुझे पता है कि गरीब क्या होती। उन्होंने नम्बर एक पर बने रहने की चाहत के चलते ही यह नंबर खरीदा था।