टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट और वनडे मैचों की सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम के बारे में महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम को सीरीज में मिली हार से घबराने की जरूरत नहीं है और जल्द ही टीम इस दौर से निकलने में कामयाब होगी।
टीम इंडिया विराट कोहली के टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के बाद वनडे सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के हाथों 0-3 से बुरी तरह पराजित हुई है और इससे पहले उसे टेस्ट सीरीज में भी 1-2 की कड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
जानिए Ravi Shastri ने किस बात से जताई असहमति
भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘एक श्रृंखला हारने के बाद लोग आलोचना करने लगते हैं। आप हर मैच नहीं जीत सकते. जीत-हार चलती रहती है।”
आपको बता दें कि पिछले साल रवि शास्त्री का T-20 विश्व कप के बाद बतौर हेड कोच टीम इंडिया के साथ कार्यकाल खत्म हो गया था। रवि शास्त्री ने बताया कि उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेली गई सीरीज के दौरान 1 गेंद भी नहीं देखी मगर उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया है कि भारतीय टीम के प्रदर्शन में पहले की अपेक्षा गिरावट आई है।
विपक्षी टीमों को दी ये सलाह
टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच ने कहा, ‘‘अचानक प्रदर्शन कैसे गिर सकता है। पांच साल तक आप दुनिया की नंबर एक टीम रहे हैं।” उन्होंने ने कहा कि चिंता की कोई जरूरत नहीं है और यह नाकामी एक अस्थायी दौर है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले पांच साल से जीत का अनुपात 65 फीसदी रहा है तो चिंता की क्या बात है। विपक्षी टीम को चिंता करने की जरूरत है।”
विराट कोहली के फैसले का किया जाना चाहिए सम्मान
भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली द्वारा टेस्ट सीरीज हारने के एक दिन बाद टेस्ट की कप्तानी छोड़ने का फैसला करने पर रवि शास्त्री ने कहा, ‘‘यह उसका फैसला है। उसके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिये। हर चीज का एक समय होता है। अतीत में भी कई बड़े खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिये कप्तानी छोड़ी है। चाहे सचिन तेंदुलकर हों, सुनील गावस्कर या एमएस धोनी और अब विराट कोहली।”
बोले सार्वजानिक मंच पर खिलाड़ियों के बारे में नहीं करूंगा बात
विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद के हावभाव पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में Ravi Shastri ने कहा,” मैने इस श्रृंखला की एक गेंद भी नहीं देखी लेकिन मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली में बहुत बदलाव आयेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैने सात साल बाद क्रिकेट से ब्रेक लिया है। एक बात तो तय है कि मैं सार्वजनिक तौर पर आपसी मतभेदों के बारे में बात नहीं करता। जिस दिन मेरा कार्यकाल समाप्त हुआ, उसी दिन से मैने साफ कर दिया था कि मैं सार्वजनिक मंच पर अपने खिलाड़ियों के बारे में बात नहीं करूंगा।”
इस तरह नहीं किया जाना चाहिए एक कप्तान का आंकलन
भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने 68 टेस्ट खेल कर भारत को 40 टेस्ट मैच जिताए हैं मगर लिमिटेड ओवरों के क्रिकेट में उनकी कप्तानी में टीम इंडिया कोई आईसीसी की ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर पाई है। रवि शास्त्री ने कहा कि एक कप्तान का आकलन इस आधार पर बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।
Ravi Shastri ने कहा,‘‘कई बड़े खिलाड़ियों ने विश्व कप नहीं जीता. इससे क्या हुआ. सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे।”
Ravi Shastri ने आगे कहा, “हमारे पास कितने विश्व कप विजेता कप्तान हैं।सचिन तेंदुलकर ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता। आखिर में आपका आकलन आपके खेल और खेल के दूत के रूप में भूमिका से होता है। आपने कितनी ईमानदारी से खेला और कितने लंबे समय तक खेला।”
टीम इंडिया की कप्तानी को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में बोर्ड से विराट कोहली की तनातनी के मामले में उन्होंने कहा, ‘‘संवाद महत्वपूर्ण है। मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या बात हुई. मैं उसका हिस्सा नहीं था। दोनों पक्षों से बात किये बिना मैं कुछ नहीं कह सकता। चना के अभाव में मुंह बंद रखना ही अच्छा होता है।”