दूल्हे के पिता की दरियादिली देख छलकी दुल्हन के पिता की आखें, दहेज में मिले 11 लाख और कार लौटाई

राजस्थान के अजमेर जिले में एक गुर्जर परिवार ने दहेज प्रथा के खि’लाफ अनूठी मिसाल पेश की है. दरअसल दहेज के लिए शादी तो’ड़ने वाले या विवाहित महिलाओं को दहेज के लिए प्रता’ड़ित करने वाले इस माहौल में इस गुर्जर परिवार ने अपने बेटे की शादी में दहेज के रूप में मिले 11 लाख रुपए और कार लेने से इनकार कर दिया. लड़के के परिवार वालों की यह दरियादिली देख दुल्हन के पिता की आखें भर आई. राजस्थान के अजमेर जिले में हुई इस घटना से उन लोगों को सबक लेने की जरूरत है जो चंद पैसों के लिए लड़की और उसके परिवार को अपमानित कर देते हैं.

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में उपखंड अधिकारी (एसडीएम) के पद पर कार्यरत रामसुख गुर्जर अपने बेटे मयंक राज गुर्जर की शादी गुजरात की युवती से कर रहे हैं. गुरुवार को तिलक कार्यक्रम था. जिसमें लड़की के घरवाले पहुंचे थे. तिलक कार्यक्रम के दौरान दूल्हे मयंक को लड़की के पिता ने 11 लाख रुपए से भरा थाल और एक कार देनी चाही. लेकिन मयंक और उनके आरएस पिता रामसुख गुर्जर रुपए और कार लेने से इनकार कर दिया. एक बार तो तिलक कार्यक्रम में मौजूद लोगों को लगा कि दहेज कम मिलने की वजह से वह ऐसा कर रहे हैं. लेकिन हकीकत जानने पर तिलक कार्यक्रम में मौजूद हर शख्स दूल्हे के पिता की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया.

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बता दें कि आरएस अधिकारी रामसुख गुर्जर और उनका परिवार दहेज के खिलाफ हैं. जब कार्यक्रम में पहुचे लोगों को इस बात का चला तो उन्होनें दूल्हे के पिता की काफी सराहना की. आरएएस अधिकारी रामसुख गुर्जर ने शगुन के तौर पर सिर्फ 101 रुपए लिए. इस घटना के बाद से दूल्हे और उसके पिता की हर कोई तारीफ कर रहा हैं. क्योंकि आज के समय में ऐसे लोग मिलना काफी कठिन है. दहेज प्रथा पर लगाम लगाने के लिए कड़े प्रावधान भी मौजूद हैं लेकिन आए दिन देश के किसी न किसी हिस्से घरेलू हिंसा की खबर सामने आती रहती हैं.

दुल्हा मयंक राज गुर्जर भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहा है. मयंक ने भी आरएएस की मुख्य परीक्षा दी है. इंजीनियरिंग में स्नातक कर चुके मयंक ने बताया कि उनके परिवार ने यह फैसला पिता के संस्कारों की वजह से लिया है. ऐसे अच्छे संस्कार हम अगली पीढ़ी तक लेके जाएगें. हम इस कदम से समाज में बिना दहेज शादी करने की एक छोटी से पहल कर रहे हैं. उम्मीद की जा सकती है लोग मयंक और उनके परिवार के इस कदम से प्रभावित होंगे और दहेज प्रथा के खिलाफ सार्थक प्रयास करेंगे.