भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन काफी सुर्ख़ियों में रहते है. वह कोई ना कोई ऐसा बयान दे देते है. जिसके चलते वह सुर्ख़ियों में आ जाते है.
उन्होंने संसदीय समिति को एक रिपोर्ट सौपी है. जिसमे उन्होंने कहा है, कि उन्होंने देश में हाई प्रोफाइल घोटालेबाजों की एक लिस्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी थी, लेकिन उस पर क्या कार्यवाही हुई उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
अपनी रिपोर्ट में राजन ने कहा है कि बैंक अधिकारियों के अति उत्साह, सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुस्ती तथा आर्थिक वृद्धि दर में नरमी डूबे कर्ज के बढ़ने की प्रमुख वजह है.
इसके अलावा संसदीय समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को दिए नोट में उन्होंने कहा, कोयला खदानों का संदिग्ध आवंटन के साथ जांच की आशंका जैसे राजकाज से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के कारण यूपीए और एनडीए दोनों सरकारों में निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी हुई है.
राजन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में बैंकों में धोखाधड़ी के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. बता दे कि राजन सितंबर 2013 से सितंबर 2016 तक आरबीआई के गवर्नर थे.