कई समय से राजस्थान की राजनीति में सियासी संकट बना हुआ था। कहा जा रहा था कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार किसी भी वक़्त गिर सकती है लेकिन यहां पर मामला उलटा हो गया। जिसके बाद सचिन पायलट उनके दो करीबी मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया।
दरअसल, हाल ही में यहां पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई और इस बैठक में राजस्थान के विधायकों ने अशोक गहलोत को अपना नेता चुना और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। वहीं इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करवाई करते हुए सचिन पायलट को बर्खास्त कर दिया। अशोक गहलोत ने राजस्थान मंत्रिमंडल से सचिन पायलट और उनके दो करीबी मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है और उनकी जगह पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
कांग्रेस नेतृत्व ने सारे दरवाजे खुले छोड़कर खुले मन से कहा कि सुबह का भूला अगर शाम को घर आ जाये तो उसे भूला नहीं कहते। लेकिन सचिन पायलट और उनके मंत्री साथी भाजपा के षड्यंत्र में फंसकर जनमत का अपमान कर रहे हैं; जो कि बिलकुल अस्वीकार्य है: श्री @rssurjewala pic.twitter.com/ihfXSICsCC
— Congress (@INCIndia) July 14, 2020
वहीं इस बात की जानकारी कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दी उन्होंने ऐलान किया कि सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मंत्री पद से हटाए गया है । सुरजेवाल ने ये भी कहा कि पायलट के साथ ही विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से हटाया जा रहा है। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस विधायक पायलट के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।
इसी के साथ सुरजेवाला ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बहुमत की सरकार को अस्थिर करने के लिए धनबल का उपयोग कर साजिश रचने का आरोप लगाया।
आपको बता दें, सचिन पायलट राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष रहते हुए टोंक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वहीं, पर्यटन और देवस्थान मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह विधानसभा में दीघ कुम्हेर सीट का प्रतिनिधित्व करते थे। इसी के साथ रमेश मीणा खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री थे। रमेश मीणा सपोटरा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के विधायक हैं।