‘पूरी रात सो नहीं पाया..मैं क्यों नहीं’, भारतीय टीम में नहीं चुने जाने पर छलका सरफराज खान का दर्द, कही ये बात

घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी सरफराज खान को भारतीय टीम में जगह नहीं मिल पा रही है। इस वजह से उनके फऐंस भी काफी नाराज हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टेस्ट के लिए भारत की टीम में भी सरफराज अपना नाम नहीं देख कर काफी परेशान थे। उन्हें शामिल किए जाने की चर्चा के बावजूद, साथ ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके शानदार रिकॉर्ड के बावजूद चयनकर्ताओं की सहमति प्राप्त करना उनके लिये कठिन रहा है। हालांकि, बार-बार निराशा के बावजूद, सरफराज ने “तनाव” में नहीं पड़ने और चलते रहने की कसम खाई है।

मीडिया के साथ बातचीत में, सरफराज खान ने स्वीकार किया कि वह लोगों को भारतीय टीम में खेलने का मौका देने के बारे में बात करते हुए सुनता रहता है। यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी कई प्रशंसकों ने उनकी स्थिति पर उनके साथ सहानुभूति जताई है।

उन्होंने कहा, “मैं जहां भी जाता हूं, मुझे यह आवाज सुनाई देती है कि वह जल्द ही भारत के लिए खेलेगा। सोशल मीडिया पर भी ऐसे ही हजारों संदेश मेरे बारे में हैं। सब बोलते हैं तेरा समय आएगा। मैं असम से यहां आया था। सेलेक्शन के अगले दिन दिल्ली, और पूरी रात सो नहीं पाया। मैं पूछता रहा कि मैं क्यों नहीं हूं? लेकिन अब अपने पिता से बात करने के बाद, मैं वापस सामान्य हो गया हूं। मैं अभ्यास कभी नहीं छोड़ूंगा, मैं डिप्रेशन में नहीं जाऊंगा। चिंता मत करो, मैं कोशिश करता रहूंगा”।

ये भी पढ़ें- IND vs NZ: न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे में बड़े बदलाव के साथ ऐसे नजर आ सकती है टीम इंडिया की प्लेइंग 11, देखें लिस्ट

मौका ना मिलने पर निराश थे सरफराज खान

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम में जगह ना मिलने पर भी सरफराज खान ने स्वीकार किया कि वह ‘पूरी तरह से निराश’ थे। सरफराज ने कहा

“मैं पूरी तरह से निराश था। यह स्वाभाविक है, विशेष रूप से एक बार जब आपने इतने रन बनाए हैं। मैं भी इंसान हूं, मशीन नहीं। मेरे पास भी भावनाएं हैं। मैंने अपने पिता से बात की और वह दिल्ली आए। मेरे पिता आए और कहा कि हमारा काम रन बनाना है और उन्हें लगता है कि एक दिन आएगा जब मैं भारत के लिए खेलूंगा। इसलिए आवश्यकता है कि हम उस विश्वास को बनाए रखें और भाग्य को बाकी का फैसला करने दें”।

उन्होंने आगे कहा “मुझे नाम न देख कर दुख हुआ, लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं है। मैं वह सब कुछ कर रहा हूं जो मैं कर सकता हूं। दिन को दिन और रात को रात नहीं समझा। मैं सिर्फ अभ्यास कर रहा हूं। जब मैं बड़ा हो रहा था, तो घर पर हमें लगा कि मुझे मुंबई रणजी टीम में जगह मिलने वाली है। अब, हम बात कर रहे हैं कि मुझे भारतीय टीम में जगह कब मिलेगी। तो मैं आगे बढ़ गया हूं”।

सरफराज ने कहा, “मैंने अपने जीवन में बहुत से उतार-चढ़ावदेखे हैं, इसलिए मैं इस अस्वीकृति को अपने साथ लंबे समय तक नहीं रखूंगा”।

यह भी पढ़ें : भारतीय चयनकर्ताओं का फैसला समझ से परे, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इन 3 खिलाड़ियों को किया नजरअंदाज