जेईई मेन 2020 परीक्षा में रोहतक के हसनगढ़ गांव की सिमरन और फतेहाबाद के इंदाचोई गांव की काजल ने क्रम/श: 99.47 और 99.31 प्रतिशत स्कोर किया है। किसान परिवार से आने वाली इन दो बेटियों ने हरियाणा सरकार के सुपर 100 प्रोग्राम में शामिल हुई थी। इस प्रोग्राम में कुल 48 स्टूडेंट ने रजिस्टर करवाया था, जिनमें से 46 स्टूडेंट ने सबसे कठिन परीक्षा माने जाने वाली जेईई मेन्स को पास किया।
हिंदुस्तान टाइम्स से किए गए खास बातचीत में सिमरन ने जेईई मेंस की परीक्षा पास करने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे जेईई मेन्स की परीक्षा पास करके बेहद खुश हैं और उन्हें ऐसा लग रहा है कि मानो जैसे कोई सपना हो, पर हकीकत में उन्होंने वाकई जेईई एडवांस परीक्षा को पास कर लिया है।
पढ़ाई के दौरान होने वाली परेशानियों और आर्थिक दिक्क/तों पर सिमरन ने बताया कि जब मैंने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई गांव के स्कूल से की। उसके बाद मैंने दसवीं में 90% अंक प्राप्त किए थे। वही कुछ साल पहले मेरे पिता का भी एक ए/क्सी/डेंट हो गया था जिसकी वजह से उन्हें लक/वा मा/र गया था। ऐसे में हमारे घर की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं थी, लेकिन इन सबके बावजूद मेरे पिता ने अपने बच्चों को शिक्षा दिया। सिमरन चाहती है वह कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर बने और देश का नाम रोशन करें।
वही फतेहाबाद के इंदाचोई गांव की काजल ने भी अपनी बातचीत में यह बताया कि जेईई मेन की परीक्षा पास करने का सबसे बड़ा श्रेय सुपर 100 प्रोग्राम को जाता है। वे हमेशा से ही आईआईटी की पढ़ाई करना चाहती थी और गरीब और आर्थिक दृष्टि से कमजोर बच्चों को पढ़ाना चाहती थी और अब यह उनका सपना पूरा होगा। आपको बता दें, गरीब और आर्थिक तौर पर पिछड़े बच्चों को कई बार पैसों और अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है, लेकिन कई बच्चे ऐसे भी होते हैं जो इन तमा/म परेशा/नियों को झेलते हुए यूपीएससी से लेकर आईआईटी मैंस तक की परीक्षा को पास करते हैं।