सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब भारतीय नौसेना में महिलाओं को मिलेगा स्थायी कमिशन

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारी के स्थाई कमिशन के केस की सुनवाई की। जिसका फैसला सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों के हित में सुनाते हुए भारतीय नौसेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिला ऑफिसर्स को भी पुरुष ऑफिसर्स के समान स्थाई कमिशन दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये सुनिश्चित किया कि पुरुष और महिला अधिकारियों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए नौसेना में स्थायी कमीशन दिए जाने से पहले 2008 में शामिल महिला अधिकारियों के स्थाई कमिशन पर रोक लगाने वाली नीति याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि-“महिलाओं और पुरुष अधिकारियों किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”

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जाहिर हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब महिला अधिकारिओं को भी पुरुषो की तरह कई लाभ मिलेंगे। बता दें कि सरकार ने पहले ही ये कह दिया था कि वो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैलसे टका पूरा सम्मान करेगे। इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी खूब फटकार लगाई।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘महिला और पुरुष अधिकारिओं को किसी भी तरह का सामाजिक और मानसिक कारण बताकर उन्हें किसी भी मौके से दूर रखना भेवभाव वाला व्यवहार हैं जिसे कोर्ट बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।’ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जिन महिला अधिकारियों ने देश की सेवा की है, उन्हें स्थायी कमीशन देने से इनकार करना न्याय का गंभीर नुकसान होगा।”

बता दें कि केंद्र सरकार महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के कदम का विरोध कर रहा था, केंद्र सरकार का कहना था कि नौसेना में महिला अधिकारियों को समुद्री नौकायन ड्यूटी नहीं दी जा सकती है। क्योंकि इनके रूसी जहाजों में उनके लिए वॉशरूम नहीं हैं।लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इस तर्क को खारिज कर दिया कि कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए और यह कि महिला अधिकारी पुरुष अधिकारियों के समान दक्षता के साथ नौकायन कर सकती हैं।