आईसीसी T-20 वर्ल्ड कप 2021 में टीम इंडिया का सफर थम गया है। टूर्नामेंट में भारत की शुरुआत बेहद खराब रही थी। उसे पहले ही मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों 10 विकेट की करारी हार मिली थी। वहीं दूसरे मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम ने भी एकतरफा 8 विकेट के अंतराल से भारत को पराजित किया था। इन दो मैचों के बाद ही टीम इंडिया की सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गई थी। मगर 7 नवंबर को अफगानिस्तान बनाम न्यूजीलैंड मुकाबले में न्यूजीलैंड के जीत दर्ज करते हैं टीम इंडिया पूरी तरह से टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
आइए जानते हैं कौन सी 3 वजहों के चलते भारत सेमीफाइनल तक का सफर नहीं कर पाया तय
1-टॉस हारना –
टीम इंडिया वर्ल्ड कप की शुरुआत से पहले वर्ल्ड कप जीतने की सबसे बड़ी दावेदार थी। मगर टूर्नामेंट की शुरुआत में ही टीम इंडिया को लगातार दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इसकी मुख्य वजह है टीम के कप्तान विराट कोहली का शुरुआती दोनों मैचों में टॉस गवाना भी रहा है। क्योंकि टीम इंडिया शुरुआती मैच शाम 7:30 बजे से होने थे। इसलिए शाम को कोई भी टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी नहीं करना चाहती थी। शाम के वक्त ओस एक अहम फैक्टर माना जाता है। दूसरी पारी आते आते ओस से गेंदबाजों को मुश्किलें होने लगती हैं।
फील्डिंग करने वाली टीम के गेंदबाजों के हाथ से गेंद स्लिप हो जाती है। फील्डिंग करने में भी काफी मुश्किलें होती है इन सारी परेशानियों से बचने के लिए जो भी टीम टॉस जीतती थी। वह पहले बैटिंग करती थी। ऐसे में टीम इंडिया का शुरुआती दोनों मुकाबलों में टॉस हारना टूर्नामेंट से बाहर होने का प्रमुख कारण बना।
टीम इंडिया के कप्तान ने शुरुआती दोनों मुकाबलों में टास और पहले बल्लेबाजी करके विपक्षी टीम को बड़ा इसको देने में भी नाकाम रहे। ऐसे में उन्हें इन दोनों मैचों में एकतरफा हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में कहा जा सकता है टॉस हारना टीम इंडिया के टूर्नामेंट से बाहर होने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। आपको बता दें कि टीम इंडिया अब तक टूर्नामेंट में 4 मुकाबले खेल चुकी है जिनमें कप्तान विराट कोहली तीन मुकाबलों में टॉस गवां चुके हैं।
खराब बल्लेबाज़ी-
भारत के बल्लेबाजों ने शुरुआती दोनों अहम मुकाबलों में खराब खेल दिखाया। खासतौर पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया के बल्लेबाज बेहद खराब खेले थे। जिसकी वजह से टीम इंडिया महज 110 रन पर ही ऑल आउट हो गई थी। टीम इंडिया द्वारा दिए गए 111 को न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने आसानी से हासिल कर लिया था। वही दूसरी तरफ पहले मुकाबले में भी टीम इंडिया केवल डेढ़ सौ रन पाकिस्तान के विरुद्ध बना पाई थी। इस मुकाबले को भी पाकिस्तान ने एकतरफा अंदाज में 10 विकेट के अंतराल से जीता था।
शुरुआत में मिली इन दोनों हारों का किसी को अंदाजा नहीं था। मगर टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने फैंस को निराश किया। पाकिस्तान के खिलाफ हुए पहले मुकाबले में टीम के दोनों ओपनर सस्ते में आउट हो गए थे। केएल राहुल 8 गेंदों पर 3 रन बनाकर पवेलियन लौटे तो वही रोहित शर्मा बिना खाता खोले ही आउट हो गए थे।
कप्तान कोहली 57 रन और ऋषभ पंत 39 रन को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज पाकिस्तान के गेंदबाजों के सामने टिककर नहीं खेल सका था। शायद यही कारण था कि टीम इंडिया को पाकिस्तान के हाथों किसी भी विश्व कप में 12 मुकाबलों के बाद पहली हार मिली थी। जो टीम इंडिया के वर्ल्ड कप टी20 टूर्नामेंट से बाहर होने का सबसे प्रमुख कारण रही।
दूसरे मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने कीवी ओं के सामने सरेंडर कर दिया। न्यूजीलैंड के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में टीम इंडिया कप्तान विराट कोहली ने टीम के बैटिंग ऑर्डर में छेड़छाड़ की जिसका नतीजा यह हुआ कि टीम महज 110 रन ही बना सकी। इस मुकाबले में भारत की तरफ से ईशान किशन और केएल राहुल पारी की शुरुआत करने उतरे जबकि हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा नंबर 3 पर बैटिंग करने आए।
मगर इस फैसले का कोई नतीजा नहीं निकला और टीम इंडिया को उल्टे नुकसान ही उठाना पड़ा। टीम इंडिया के शुरुआती बल्लेबाज जल्द ही पवेलियन लौट गए और टीम शुरुआती 10 और में महज 48 रन ही बना पाई। रवींद्र जडेजा 26 रन और हार्दिक पांड्या 23 रन की जुझारू पारियों की मदद से टीम इंडिया किसी तरह स्कोरबोर्ड में 110 रन टांगने में सफल हो पाई।
जिसे न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने एकतरफा अंदाज में हासिल कर लिया इस मुकाबले को हारते ही टीम इंडिया की सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें धुंधली पड़ने लगी थी। टीम इंडिया के बल्लेबाजों को शुरुआती मुकाबलों में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन ना करना टीम इंडिया सेमीफाइनल की उम्मीदों पर भारी पड़ा। टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन की कीमत टीम इंडिया को ग्रुप-चरण से ही बाहर हो कर चुकानी पड़ी।
आईपीएल की थकान टीम इंडिया पर पड़ी भारी-
आईसीसी T-20 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट से सिर्फ 1 हफ्ते पहले ही बीसीसीआई द्वारा आयोजित आईपीएल का समापन हुआ था। जिसमें टीम इंडिया के लगभग सभी खिलाड़ी शिरकत करते हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ी आईपीएल में अलग- अलग खेलते हैं। इस टूर्नामेंट की थकान टीम इंडिया के खिलाड़ियों के चेहरे पर साफ तौर पर झलक रही थी। टूर्नामेंट की शुरुआत में ही पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया के खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज को देखकर पता चलता था कि टीम इंडिया मुकाबले को जीतने के लिए नहीं बल्कि खेलने के लिए खेल रही है।
कहीं से भी नहीं लग रहा था कि टीम इंडिया पाकिस्तान को मात देने के लिए मैदान में उतरी है। और इसका नतीजा यह हुआ कि टीम इंडिया को इस मुकाबले में 10 विकेट की करारी हार का सामना करना पड़ा था। तो वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टीम इंडिया के हाव भाव से यही लग रहा था कि टीम इंडिया इस मुकाबले में केवल अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है ना कि जीतने के लिए खेल नहीं है। इन दो मुकाबलों को हारने के बाद हालाँकि, टीम इंडिया ने अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड जैसी दोयम दर्जे की टीम को बड़े अंतर से परास्त किया।
मगर ये परफॉर्मेंस उसे सेमीफाइनल का टिकट नहीं दिला सका। बता दें कि आईपीएल खेल कर टीम इंडिया में शामिल हुए खिलाड़ियों की समीक्षकों ने काफी आलोचना भी की है कि थकान के बावजूद भी खिलाड़ी लगातार क्रिकेट खेलने इसी का नतीजा है। टीम इंडिया सेमीफाइनल में प्रवेश नहीं कर सकी है। टीम इंडिया के ग्रुप चरण से बाहर होने के साथ ही देश के लाखों करोड़ों फैंस का दिल टूट गया है।