दक्षिण अफ्रीका ने टीम इंडिया को तीसरे और अंतिम टेस्ट मुकाबले में मैच के चौथे दिन ही 7 विकेट से हराकर सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमा लिया है। टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका के सामने जीत के लिए 212 रनों का टारगेट रखा था। जिसे अफ्रीकी टीम ने 3 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया।
मेजबानों की तरफ से कीगन पीटरसन ने सबसे ज्यादा 82 रन बनाए। टीम इंडिया ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला 113 रनों के अंतर से जीतकर सीरीज की शुरुआत शानदार ढंग से की थी मगर भारत जोहानिसबर्ग में खेला गया दूसरा मुकाबला 7 विकेट से हार गया था और अब तीसरा मुकाबला भी सात विकेट से अंतर से गंवाया है। ऐसे में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर सातवीं टेस्ट सीरीज गंवा दी है।
टेस्ट सीरीज संपन्न होने के बाद दोनों टीमों के बीच 19 जनवरी से वनडे सीरीज खेली जाएगी। टेस्ट सीरीज में मिली बड़ी हार के बाद भारतीय टीम की आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में आइए जानते हैं टीम इंडिया की हार के पीछे की पांच बड़ी वजहों के बारे में।
1.रहाणे और पुजारा का उम्मीद के विपरीत प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में रहाणे और पुजारा पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए हैं। जिसके कारण टीम इंडिया को टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी है। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला टीम इंडिया ने 100 रनों से अधिक के अंतराल से अपने नाम किया था। मगर बाद के दोनों मुकाबलों में टीम इंडिया को करारी हार का मुंह देखना पड़ा है।
भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सीरीज में 6 पारी खेलकर महज 124 रन बनाए हैं। पुजारा के अलावा अजिंक्य रहाणे भी भारत की सीरीज हारने की सबसे बड़ी वजह साबित हुए हैं। उन्होंने तीन टेस्ट खेलकर छह पारियों में महज 136 रन बनाए हैं। पुजारा और रहाणे के खराब प्रदर्शन के चलते भारतीय टीम की इस सीरीज में दुर्गति हुई है। भारत के पूर्व क्रिकेटरों ने इन दोनों क्रिकेटरों पर सवालिया लहजे में तीखी टिप्पणी की है।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एक बयान में अपने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों की टीम में जगह नहीं बनती है। उनके स्थान पर चयनकर्ताओं को श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी या फिर शुभ्मन गिल को जगह देनी चाहिए। यह युवा खिलाड़ी इन दोनों खिलाड़ियों का बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं।
2. आर अश्विन की गेंदबाजी में नहीं दिखी धार
टीम इंडिया की सीरीज हारने की वजह के पीछे भारत के आर अश्विन का भी फेल होना भी मुख्य कारण रहा है। टीम इंडिया को आर अश्विन से सीरीज के तीसरे एवं निर्णायक टेस्ट मुकाबले में काफी उम्मीदें थी मगर यह स्पिनर गेंदबाज दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को परेशानी में नहीं डाल पाया। इस टेस्ट सीरीज में अश्विनी केवल तीन विकेट ही लिए हैं।
3. कप्तान का खराब प्रदर्शन जारी
भारत के टेस्ट कप्तान विराट कोहली तीसरे और अंतिम टेस्ट की पहली पारी में 79 रन जरूर बनाए थे मगर कद के अनुसार उनका प्रदर्शन इस सीरीज के दौरान फीका ही रहा। उन्होंने सीरीज में दो मुकाबले खेलते हुए 161 रन बनाए हैं। और उनके बल्ले से 2 साल से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद भी शतक नहीं निकला है।
4. निर्णायक टेस्ट मैच में मयंक और राहुल का खराब प्रदर्शन
भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1 शतक और 1 अर्धशतक लगाया है अगर इन दो पारियों को अलग कर दिया जाए तो उन्होंने भारत के लिए विषम परिस्थितियों में बड़ी पारी खेलने में नाकाम हुए हैं।
भारत की तरफ से टेस्ट सीरीज में केएल राहुल और ऋषभ पंत ही शतक लगा सके हैं। जबकि खेलने का मौका मिलने के बाद भी मयंक अग्रवाल चयनकर्ताओं की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके हैं उन्होंने इस सीरीज में महज 135 रन ही बनाए हैं।
5. कगिसो रबाडा के आगे बल्लेबाजों ने टेके घुटने
दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा के सामने भारतीय बल्लेबाज पूरी सीरीज में घुटने के बल नजर आएं। दक्षिण अफ्रीका के इस तेज गेंदबाज ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 20 विकेट अपने नाम किए हैं। इस गेंदबाज ने भारतीय बल्लेबाजों को पूरी सीरीज के दौरान परेशानी में रखा।