विराट कोहली की टीम अफगानिस्तान पर निर्भर थी , जो कि बहुप्रतीक्षित कीवी के साथ मैच में कल 8 विकेट से हार गए। अफगानों को केवल 124 तक सीमित रखने के बाद, कीवी बल्लेबाजों ने आसानी से ये लक्ष्य हासिल कर लिया। साथ ही पाकिस्तान के साथ सेमीफइनल में जगह बनाई।
इस जीत के साथ न्यूजीलैंड के पांच में से चार मैच जीतकर आठ अंक हो गए। दूसरी ओर, भारत ने अपने पहले दो गेम गंवाए और अगर वह आज नामीबिया को हरा देता है तो उसके कुल छह अंक ही हो सकते हैं।
ग्रुप-स्टेज से बाहर होना मेन इन ब्लू के लिए एक वेक-अप कॉल के रूप में आएगा, जिन्हें टी 20 विश्व कप में प्रबल पसंदीदा के रूप में माना गया था। कीवी और पाकिस्तान के विरुद्ध मिली हार ने उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।
इन तीन खिलाड़ियों को स्क्वाड का हिस्सा न बनाने का फैसला भी भारत के खिलाफ गया।
शिखर धवन
बाए हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन को ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने के लिए माना जाता है। शिखर ने अब तक
68 टी20 मैच खेले है जिसमे उन्होंने 27.9 की औसत और 126 की स्ट्राइक रेट से कुल 1759 रन बनाए है।
साथ ही इस साल उनका आईपीएल भी काफी अच्छा रहा।
खेले गए 16 मैचों में 3 अर्धशतक की मदद से 587 रन बनाए। शिखर को टीम में न रखना टीम के पक्ष में नहीं गया। एक तो शिखर लेफ्ट हैंडेड बैट्समेन है तो रोहित के साथ अगर उन्हें ओपनर के तौर पर रखा जाता तो टीम को राइट- लेफ्ट कॉम्बिनेशन का भी फायदा मिलता।
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युजवेंद्र चहल
भारत के टीम में एक विकेट लेने वाले स्पिनर की कमी साफ दिखी। चहल के बदले चाहर को जगह मिली थी जिनको एक भी मैच में खिलाया नहीं गया। साथ ही दो बड़े मैचों में टीम का एक भी स्पिनर विकेट नहीं चटक पाया। ऐसे में टीम को जरूर चहल की याद आयी होगी।
चहल को उनके विकेट लेने के हुनर के लिए जाना जाता है। उनका टीम में होना काफी कुछ बदल सकता था। चहल ने अब तक कुल 49 टी ट्वेंटी खेलें है और 25.3 की औसत से 63 विकेट चटकाए है। इस साल आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था।
आवेश खान
भुवनेश्वर कुमार की गेंदबाजी इस विश्व कप में फीकी नज़र आई। इसके चलते बुमराह के अलावा एक डेथ ओवर गेंदबाज की कमी भारत को साफ तौर पर खली। ऐसे में आवेश का टीम में होना काफी फर्क ला सकता था। आईपीएल में आवेश ने आखिरी के ओवरों में शानदार प्रदर्शन किया था। साथ ही हर्षल पटेल के बाद वह हाईएस्ट विकेट टेकर भी रहें। 16 मैचों में उन्होंने कुल 24 विकेट लिए।