New Delhi: दिल्ली के निजामुद्दीन एरिया के मरकज से आए तबलीगी जमात के लोग में दुनिया भर के कई नागरिक शामिल थे। अब इस केस में एक नया मोड़ आया है मरकज पर सरकार ने काफी सख्ती भरा रुख अपनाया है। निजामुद्दीन मरकज में हुए इस जमाता के चीफ मौलाना समेत उनके कुछ सहयगियों पर पुलिस पेनल कोड यानी IPC की धारा 188, 259,271, 120B के तहत केस दर्ज किया गया है।
इन सब के बीच जो विदेशी जमाती वहां से निकाले गए थे। उन विदेशी जमातियों के खिलाफ भी वीजा नियमों उल्लघंन करने के आरोप के तहत मामले की कार्रवाही की जा रही हैं। बता दें कि इस तरह की जुर्म में दोषी पाए जाने वालें विदेशी नागरिकों के खिलाफ कई सारी सजा का प्रावधान है।
कुछ कानून के जानकारों का कहना हैं कि अगर विदेशी नागरिकों के खिलाफ वीजा नियमों को तोड़ने का केस मिलता है। तो उन विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसके साथ ही उनके पासपोर्ट को जब्त कर लिया जाता है, जिसके बाद उस वीजा को कैंसिल भी कर दिया जाता है। बता दें कि हाल ही में भारत सरकार की नई भारतीय वीजा के नियम के तहत इस तरह के केस में उस विदेशी व्यक्ति का वीजा नियमावली 2019 और द फॉरेनर्न एक्ट, 1949 के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय वीजा नीति के तहत नियमों को तोड़ने वाले विदेशी नागरिक पर तीन तरह के केस की कार्रवाही की जा सकती है।
जानकरी के मुताबिक, जब भी कोई दूसरे देश के व्यक्ति भारत आता है, तो उसे एक सीमित समय के लिए वीजा अलॉट जाता है। अगर कोई विदेशी व्यक्ति वीजा के नियमित समय से ज्यादा भारत में रहता हैं, तो वो विदेशी नागरिक कार्रवाही का पात्र होता है। भारत में वीजा लेते हुए कुछ जरूरी रूल्स मेंशनेंड अंडर द पॉलिसी को पूरा किया जाता है। अगर कोई विदेशी नागरिक भारत में रहते हुए उन नियमों का उल्लंघन करता है, तो वो इस तरह की कर्रवाही के लायक है।
अगर कोई भारत लमें वीजा के नियमों के तहत कोई नियम तोड़ता हैं या दोषी पाया जाता है तो उस विदेशी नागरिक को कारावास और फाइनेंशली सजा दोनों सजा दी जा सकती है। वीजा नियमों के तहत जो विदेशी नागरिक दोषी मिलता हैं उसे ज्यादा से ज्यादा 5 साल की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। इसके साथ उस एक फिक्स अमाउंट का जुर्मा भी लगाया जाता है। भारत में किसी भी विदेशी नागरिक को दोषी पाने पर उसे कारावास और जुर्मा दोनो की सजा मिल सकती है।