यूएई और इजरायल के बीच हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता, 72 साल से चली आ रही दुश्मनी खत्म

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल को लेकर एक बड़ी खबर समाने आई है। खबर है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल ने अपनी दुश्मनी भुलाकर एक ऐतिहासिक समझौता किया है और इसकी मध्यस्थता अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने करवाया है।

दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल के बीच 72 साल से दुश्मनी चल रही थी लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के कहने पर इन दोनों देशोंं ने दुश्मनी भुलाकर आपस में समझौता किया है। इस समझौते के तहत इजरायल ने फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक इलाके में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार हो गया है। वहीं, यूएई, इजरायल से पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करने को राजी हो गया। जिसके बाद अब UAE ऐसा करने वाला वह पहला खाड़ी देश बन गया है।

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जानकारी के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैयार किए गए समझौते पर यूएई और इजरायल ने दोनों देशों ने सहमति जताई। इस पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू में तीन-तरफा कॉल कॉन्फ्रेंसिंग हुई। वहीं ट्रंप के अलावा, समझौते के लिए मुख्य अमेरिकी मध्यस्थ राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और दामाद जेरेड कुशनर, विशेष मध्य पूर्व दूत एवी बर्कोवित्ज और अमेरिकी राजदूत डेविड फ्राइडमैन थे।

वहीं इस समझौते होने के बाद गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस घोषणा करते हुए कहा कि, “49 वर्षों के बाद, इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात अपने राजनयिक संबंधों को पूरी तरह से सामान्य करेंगे। अब जब बर्फ टूट गई है, तो मैं उम्मीद करता हूं कि अरब के और मुस्लिम देश भी यूएई का अनुसरण करेंगे।”

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वहीं व्हाइट हाउस द्वारा जारी किए गये इस संयुक्त बयान में तीनों देशों का कहना है कि यह ऐतिहासिक राजनयिक सफलता मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति को आगे बढ़ाएगी। इसके परिणामस्वरूप इजरायल द्वारा यरुशलम में कब्जे वाले वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से को छोड़ने पर सहमति जताई है। ट्रंप, नेतन्याहू और अबू धाबी क्राउन प्रिंस ने संयुक्त बयान में कहा, मध्य पूर्व के दो सबसे गतिशील समाजों और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बीच सीधे संबंध खुलने से आर्थिक विकास में तेजी आएगी, तकनीकी नवाचार बढ़ेगा और लोगों से करीबी लोगों के बीच संबंध बढ़ेगा।

इसी के साथ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए भी यह घोषणा अहम है। ऐतिहासिक शांति समझौते से दुनियाभर के मुस्लिम देशों में न केवल इजरायल की स्वीकार्यता बढ़ेगी। इजरायल की सुरक्षा और गठबंधन सरकार की स्थिरता को भी इससे लाभ पहुंचेगा। नेतन्याहू ने फिलिस्तीनियों की भूमि पर बस्तियों का निर्माण की मांग की है। ट्रंप के प्रस्ताव को स्वीकार किया है जो उन्हें अन्य क्षेत्रों में फिलिस्तीनियों को सीमित स्वायत्तता प्रदान करेगा। वहीं, इजरायल वेस्ट बैंक इलाके में कब्जे की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएगा।

आपको बता दें, इस समझौते के तहत इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दों पर द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। ज्सिके बाद  बाद अब दोनों देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए भी भागीदार होंगे।