New Delhi: भारतीय बैंक सबसे करप्ट कैंडिडेट और किंगफिशर के चेयरपरसन विजय माल्या को 9000 करोड़ रुपए से जुड़े फाइनेंशनल क्राइम के लिए वॉन्टेड किया जा रहा है। इन दिनों विजय माल्या ब्रिटेन में छुपे बैठे है। विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए इंडियन एजेंसी लगातार पर काम कर रही है।
पिछले साल ही ब्रिटेन के गृह सचिव ने विजय माल्या को एक्सट्रैडिशन का आदेश दिया था। विजय माल्या ने ब्रिटेन की लंदन रॉयल कोर्ट में अपने एक्सट्रैडिशन को दी थी। कोर्ट ने विजय माल्या के इस केस की सुनवाई 11, 12 और 13 फरवरी को की थी। वहीं अब ब्रिटिश हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए विजय माल्या के अरमानों पर पानी फेरते हुए उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया।
जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ की टू मेंबरशीप वाली पीठ ने इस डिसिजन से भगोड़े फाइनेंशनल क्रिमनल विजय माल्या की एक्सट्रैडिशन की कानूनी रुकावट दूर कर दिया है। लंदन कोर्ट ने विजय माल्या को तीन केस में दोषी पाया है। लंदन कोर्ट ने विजय माल्या को इंडियन बैंक्स के साथ धोखाधड़ी, इसके साथ ही देश से भागने और अपनी कंपनी किंगफिशर के प्रोफिट के बारे में गलत इंफॉर्मेंशन देने के लिए गिल्टी पाया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि विजय माल्या 1 सितंबर 2009 से लेकर 24 जनवरी 2017 के बीच हुए सभी क्राइम के लिए अरोपी पाए जाते है।
विजय माल्या के केस का फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि-“विजय माल्या ने 7 अक्टूबर 2009 को 1500 मिलियन का कर्जा लिया, उसके बाद 4 नवंबर 2009 को 2000 मिलियन का कर्ज लिया और फिर इसके बाद 27 नवबंर 2009 को 7500 मिलियन भारतीय रुपयों का कर्ज लिया है। ये सभी कर्ज लेने वाले विजय माल्या ने कभी भी इन्हे वापस करने की इच्छा नहीं दिखाई।” कहा जा रहा हैं कि विजय माल्या की एक्सट्रैडिशन की फाइल ब्रिटेन की होम मिनिस्टर प्रीति पटेल के पास जाएगी। वैसे विजय माल्या के पास लंदन हाईकोर्ट के इस फैसले को चैलेंज करने कि लिए लंदन सुप्रीम कोर्ट जाने का राइट है। अगर वो इस फैसले के 14 दिन अंदर सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर करते हैं तो ।