भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाली पोस्ट के जरिए टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। कोहली को अपनी टेस्ट कप्तानी छोड़ते हुए देखकर दुनिया भर के भारतीय क्रिकेट प्रशंसक हैरान नज़र आये। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनके इस निर्णय की तुलना 2014 में ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के बीच में एमएस धोनी द्वारा लिए गए निर्णय से लिया।
धोनी और गांगुली से बेहतर टेस्ट कप्तान
कोहली के टेस्ट कप्तान के पद से इस्तीफा देने के बाद, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली एमएस धोनी के साथ विराट ट्रेंड कर रहे है। इन सभी खिलाड़ियों ने मुश्किल समय में भारतीय कप्तानी संभाली। गांगुली को एक साहसी कप्तान के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को फिक्सिंग घोटालों के बाद खोई पहचान वापिस दिलवाई।
2007 क्रिकेट विश्व कप में बांग्लादेश द्वारा भारत की हार के बाद धोनी ने कप्तानी संभाली। 2014 में अचानक धोनी के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद विराट ने विश्व पटल पर कमाल किया।क्या आपने कभी सोचा है कि तीनों में से एक बेहतर टेस्ट कप्तान कौन था?
टेस्ट कप्तान के रूप में सबसे ज्यादा जीत प्रतिशत वाले कप्तान है विराट
Statistically, Virat Kohli is India’s most successful Test captain 1⃣
More stats: https://t.co/wcfrAxYciE pic.twitter.com/tYl1sGOnlM
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) January 15, 2022
विराट कोहली ने 68 टेस्ट में भारत की कप्तानी की जिसमें उन्होंने 40 टेस्ट जीते, 17 हारे और 11 ड्रॉ रहे। उनका जीत प्रतिशत 58.82 है। धोनी ने 60 टेस्ट में भारत की कप्तानी की जिसमें उन्होंने 28 जीते, 18 हारे और 15 ड्रॉ रहे। उनकी जीत का प्रतिशत 45 है। गांगुली ने 49 टेस्ट में भारत की कप्तानी की जिसमें उन्होंने 21 जीते, 13 हारे और 15 ड्रॉ रहे। उनकी जीत का प्रतिशत 42.85 है।
विदेशों में जीत का रिकॉर्ड शानदार
Total Test wins by Asia captains in SENA:
Virat Kohli: 7
Javed Miandad: 4
Wasim Akram: 4A leader like no other 🙌 pic.twitter.com/kCPiUD0nZn
— Wisden India (@WisdenIndia) January 16, 2022
जहां तक संख्या का सवाल है, यह कहना सही है कि कोहली भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट कप्तान रहे हैं। उनके रिकॉर्ड खुद के लिए बोलते हैं। एक और तथ्य है जो उनको सबसे अलग बनाते है। SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में उनकी अंतरराष्ट्रीय जीत इस बात का प्रमाण है कि वह एक टेस्ट कप्तान के रूप में कितने अच्छे रहे। गांगुली ने एक बार कहा था – ”घर में सबकी जीत होती है। असली परीक्षा विदेश में शुरू होती है.”
भविष्य में विराट की बराबरी करना होगा चुनौतीपूर्ण
कप्तान के रूप में कोहली की विरासत आईसीसी ट्राफियां नहीं होने के कारण प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने बतौर कप्तान टेस्ट क्रिकेट में काफी कुछ हासिल किया है और भविष्य में भारत की कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों के लिए उनके रिकॉर्ड की बराबरी करना एक चुनौतीपूर्ण काम होगा।