टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपने समय के धुरंधरों में शुमार किए जाते थे। इस पूर्व सलामी बल्लेबाज को इस बात से कोई इत्तेफाक नहीं रहता था कि वह कौन से फॉर्मेट की क्रिकेट खेल रहे हैं।
सिर्फ और सिर्फ उनका एक ही उद्देश्य रहता था कि गेंद को कैसे बाउंड्री के बाहर भेजा जाए। इन्होंने हमेशा आक्रमक अंदाज में बल्लेबाजी की है और अब उनके भांजे ने रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया है। वीरू बल्ले से अपना जौहर दिखाते थे तो उनके भांजे ने कमाल की गेंदबाजी करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
वीरू के भांजे ने रणजी में गेंद से दिखाया कमाल
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की चचेरी बहन के बेटे मयंक डागर हिमाचल प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। यह खिलाड़ी इंडिया की अंडर-19 वर्ल्ड कप में वे टीम इंडिया का हिस्सा रह चुके हैं। मयंक डागर एक खतरनाक लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं। वे गेंद के साथ बल्ले से भी बेहतर प्रदर्शन करने की काबिलियत रखते हैं।
हाल ही में रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा का आमना-सामना हुआ। इस मुकाबले में मयंक डागर ने घातक गेंदबाजी करते हुए त्रिपुरा की टीम को झकझोर कर रख दिया।
मयंक डागर बलखाती गेंदों का त्रिपुरा के बल्लेबाजों के पास कोई विकल्प नहीं था। हिमाचल के इस गेंदबाज ने मुकाबले में कुल 9 विकेट अपने नाम किए। उनके इस दमदार प्रदर्शन के बलबूते हिमाचल प्रदेश की टीम त्रिपुरा को इस मुकाबले में मात देने में सफल रही। लेकिन इस मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब कप्तान अंकित कलसी को मिला। अंकित कलसी ने त्रिपुरा के विरुद्ध शानदार शतक लगाया था।
पहली इनिंग में 5 और दूसरी में 4 विकेट लिए थे
हिमाचल प्रदेश की रणजी टीम का हिस्सा मयंक डागर ने रणजी ट्रॉफी त्रिपुरा के खिलाफ खेलते हुए शानदार गेंदबाजी करते हुए सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। उन्होंने पहली पारी में कुल 21.2 ओवर करते हुए 4 ओवर मेडन फेंकने के साथ 55 रन देकर पांच विकेट लिए थे। जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 13.4 ओवर गेंदबाजी करके 30 रन के एवज में 4 विकेट लिए थे। इस तरह मयंक डागर ने दोनों पारियों के विकेट मिलाकर मैच में 85 रन देकर नौ विकेट अपने नाम किए थे।
हिमाचल ने 30 रन और पारी से जीता मैच
दूसरी तरफ अगर मुकाबले की बात करें तो ग्रुप – A के इस मैच में हिमाचल प्रदेश की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 365 रन बनाए थे। जिसके जवाब में त्रिपुरा की पहली इनिंग 202 रनों पर रह गई थी।
इसके बाद हिमाचल प्रदेश की टीम ने त्रिपुरा को फलोआन दिया। इस दौरान भी त्रिपुरा की टीम संघर्ष करती नजर आई और केवल 133 रनों पर पवेलियन लौट गए। और ऐसे में हिमाचल प्रदेश की टीम ने एक इनिंग और 30 रनों से मैच अपने नाम कर लिया।