नागरिकता संशो/धन कानून के खिला/फ जहां कांग्रेस समेत ज्यादतर विप/क्षी पार्टी नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी इसके समर्थन में देशभर में आम जनता को अपनी राय बता रही है।
इसी बीच केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने नागरिकता संशो/धन कानून के खिला/फ प्रस्ताव पारित किया है। इसको लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में संबोधन के दौरान कहा कि देश को बचा/ने के लिए एकजुट होने का वक्त आ गया है। नागरिकता संशो/धन कानून जनवि/रोधी है और इस कानून को तुरंत नि/रस्त कर देना चाहिए।
ममता बनर्जी ने कहा कि हम केंद्र द्वारा एनपीआर को लेकर बुलाई गई बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। अगर भारतीय जनता पार्टी चाहे तो मेरी सरकार को बर्खा/स्त कर सकती है। नागरिक संशो/धन कानून संविधान की भावना के खिला/फ है और यह लोकतंत्र के खिला/फ है। यह पूरी तरह से लोगों का निर्णय है। सीपीएम और कांग्रेस भी इस लड़ा/ई में साथ आना चाहती है। हमने सबसे पहले आवाज उठाई है।
जानकारी के लिए आपको बता दें, पश्चिम बंगाल के पहले केरल, पंजाब और राजस्थान में नागरिकता संशो/धन कानून के खिला/फ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है, हालांकि इस कदम को केंद्र सरकार ने असं/वैधा/निक बताया और कहा गया कोई भी राज्य संसद से पारित कानू/न के खिला/फ प्रस्ताव पा/रित नहीं कर सकती है। इसके अलावा आज ही केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नागरिकता संशो/धन अधिनियम केंद्रीय का/नून है और सभी को इसका पालन करना चाहिए।
खैर अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आऩे वाले समय में क्या नागरिकता संशो/धन कानून को लेकर राजनीतिक किस ओर करवट होती है। यह तो आऩे वाला वक्त बताएगा, हालांकि जिस तरह कांग्रेस समेत ज्यादातर विप/क्षी पार्टी इसके खिलाफ है। उससे यह कहना गलयत नहीं होगा कि आने वाले समय में बीजेपी के लिए रास्ता आसान नहीं रहने वाला है।