कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा लखनऊ पुलिस की जिस महिला अधिकारी पर धक्का मुक्की करने और गला दबाने का गंभीर आरोप लगाया था। उस महिला अधिकारी ने अब अपना पक्ष सामने रखा है।
यूपी पुलिस की महिला अधिकारी अर्चना सिंह ने अपने बयान में कहा है कि, “सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी पर गला पकड़ने और उन्हें गिराने की जो बात फैलायी जा रही है। वह पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है। मैंने ईमानदारी से अपनी ड्यूटी को निभाया है। प्रियंका गांधी का लखनऊ में भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित था, जिसमें मेरी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी।”
Dr Archana Singh, Circle Officer Lucknow: This is not true at all. I was her (Priyanka Gandhi Vadra) fleet in-charge. No one misbehaved with her at all, I only did my duty. I also was heckled with during the incident. https://t.co/YrvWOK6TY0 pic.twitter.com/4RHoOUy9kR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 28, 2019
लखनऊ की सीओ डॅाक्टर अर्चना सिंह ने पूरे मामले पर कहा कि, “किसी ने भी उनके(प्रियंका गांधी वाड्रा) साथ बदसलूकी नहीं की थी। मुझे करीब साढ़े चार बजे इस बात की सूचना दी गई कि मैडम पार्टी कार्यालय ये अपने आवास पर जाएंगी। फ्लीट का अगला हिस्सा उनके आवास की ओर मुड़ भी गया था, लेकिन मैडम फ्लीट के साथ न जाकर सीधे जाने लगीं। मैं इस बात को जानना चाहती थी कि मैडम कहां जाना चाहती हैं, ताकि उसे हिसाब से सुरक्षा इंतजाम किया जा सके। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई है। इस दौरान मेरे साथ भी धक्का-मुक्की हुई है।”
गौरतलब है कि बीते दिन शनिवार को पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवारों से मिलने से पहले प्रियंका गांधी के वाहन को कुछ देर के लिए पुलिस वालों ने रोक लिया। इसको लेकर प्रियंका गांधी ने लखनऊ पुलिस पर आरोप लगाते हुए पहले यह कहा कि, “लखनऊ पुलिस ने उनका गला दबाया और धक्का देकर गिरा दिया।” हालांकि इसके बाद प्रियंका गांधी अपने बयान से पलट गई और उन्होंने कहा कि, “जब मैं एसआर दारापुरी की फैमिली से मिलने जा रही थी तो उस दौरान पुलिस मुझे बार-बार रोकने के प्रयास कर रही थी। साथ ही मेरे गाड़ी को रोकने की कोशिश की, लेकिन बाद में मैं गाड़ी से उतरकर पैदल जाने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे रोका और मेरे गले पर हाथ लगाया।”